Friday, August 26, 2011

माँ



माँ तुझे सदा प्रणाम...

ब्रम्हा, विष्णु, महेश का संगम है माँ

हर घर तीर्थ स्थल है, जहाँ रहती है माँ

सबसे पवित्र अक्षर है माँ

ईश्वर की सबसे प्यारी महिमा है माँ



फिर हराया हमने हरामखोरों को

अब हराया सीता माता के चोरों को

बहुत बहुत बधाई हो

भारतीय क्रिकेट के सभी हीरो को



जय हिन्द वंदे मातरम

विश्व कप हमें ही लाना है।


"अपने दुःख में रोने वाले तू मुस्कुराना सीख ले।

ज़िन्दगी है चार दिन की तू गुनगुनाना सीख ले।"


भारत के ह्रदय मालवा के संस्कृतिकर्मियों ,साहित्यकारों और मालवी प्रेमियों ने इस वर्ष से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा-गुड़ी पड़वा को मालवी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. इसी दिन आज से सदियों पहले मालव संवत की शुरूआत हुई थी .यही संवत बाद में विक्रम संवत के रूप में में प्रसिद्ध हुआ.इस वर्ष 4 अप्रेल [गुड़ी पड़वा ] को मालवी दिवस मनाया जाएगा.